How to become a lawyer in Hindi - वकील कैसे बने?

A lawyer (also called an "advocate", "attorney", "barrister", "counsel", "counsellor", or "solicitor") is someone who practices law. A lawyer has earned a degree in law, and has a license to practice law in a particular area. If the case goes to court, the lawyer will represent their client in court.

How to become a lawyer in Hindi - वकील कैसे बने?

How to become a lawyer in Hindi - हर किसी के लाइफ में एक सपना होता है की पढ़ लिख कर बड़ा आदमी बने और जिंदगी में कुछ नाम रोशन करे कुछ लोग जिंदगी में इंजिनियर बनना चाहते है कुछ  डॉक्टर बनना चाहते है और कई सारे लोगों का सपना होता है की वो एक प्रोफेसनल वकील बने इसके लिए वो अच्छी पढाई करते है साथ ही मेहनत भी करते है। इस क्राइम की दुनिया में प्रोफेशनल वकील  का टाइटल मिलना बहुत ही valuable माना जाता है।

How to become a lawyer in Hindi - वकील बनना कोई बड़ी बात नहीं है बल्कि जरुरी है एक बेस्ट और काबिल ऐडवोकेट बनना. हर साल कई सारे लोग वकालत की पढाई शुरू करते है और उसमे से कुछ ही वकील एक बेहतर वकालत कर पाते है तो ऐडवोकेट कैसे  बने उससे पहले आपको ये जानना जरुरी है की आखिर एलएलबी क्या है इसे करने से क्या फायदे है और इसे करने के लिए क्या योग्यता चाहिए

एलएलबी क्या है?: LLB का फुल फॉर्म है  Legum Baccalaureus जो की एक लैटिन भाषा का शब्द है इसमें Legum प्लूरल है इसलिए शोर्ट फॉर्म में “LL” यूज़ किया जाता है. Legum Baccalaureus का मतलब इंग्लिश में Bachelor of Laws  होता है. ये एक बैचलर डिग्री है जो आप  ग्रेज़ुएशन पास करने के बाद कर सकते है अगर आपको इंडियन लॉ के बारे में ज्यादा जानना है और लॉ में आप अपना करियर बानना चाहते है तो ये एक अच्छा ऑप्शन है . एलएलबी में आपको कानून के बारे में अच्छे से पढाया जाता है. एलएलबी की पढाई करने के बाद आप एक वकील बन जाते है  इसके बाद आप चाहे तो कोर्ट में जज (Judge) भी बन सकते है या किसी दूसरी फील्ड में भी जा सकते है.

लॉ कोर्स दो तरह के होते है:  एक होता है 5 साल का कोर्स जिसको BA.LLB कहा जाता है और दूसरा होता है 3 साल का कोर्स जिसको LLB कहा जाता है. अगर आप 12 वी पास करने के बाद सीधे लॉ की पढाई करना चाहते है तो इसके लिए आपको किसी भी लॉ कॉलेज से 5 साल का BA.LLB करना होगा लेकिन अगर आप 3 साल वाला कोर्स चूज़ करते है तो इसके लिए आपको ग्रेजुएशन करना होगा तभी आप 3 साल वाला LLB कोर्स  कर सकते है .

लॉ करने की qualification: लॉ की पढाई करने के लिए आपके पास कुछ  qualification होनी चाहिए तभी आप लॉ की पढाई कर सकते है

  • अगर आप BA.LLB करना चाहते है जो 12th के बाद होता है तो आप कम से कम 50% मार्क्स से 12th पास होने चाहिए.
  • और अगर आप LLB करना चाहते है जो ग्रेज़ुएशन के बाद होता है तो आप किसी भी स्ट्रीम में 45% मार्क्स के साथ ग्रेजुएट होने चाहिए.
  • लॉ करने की ऐज लिमिट को लेकर BCI की तरफ से कोई क्लियरेन्स नहीं है लेकिन 2017 में हुई BCI की मीटिंग के अनुसार BA.LLB करने के लिए maximum ऐज 22 इयर्स और LLB करने के लिए maximum 35 इयर्स हो सकती है.
  • कुछ लॉ कॉलेज से LLB और BA.LLB करने के लिए क्लैट (Common Law Admission Test (CLAT)) पास करना होता है, जिसका फॉर्म भी ऑनलाइन भरा जाता है और एग्जाम भी ऑनलाइन ही होते है CCC की तरह.
  • क्लैट एग्जाम के लिए जनरल कैंडिडेट की ऐज 20 और SC/ST की 22 साल तक हो सकती है.

advocate कैसे बने?: अब आपने जान लिया है की एलएलबी कोर्स क्या है और इसको करने के लिए  qualification क्या होनी चाहिए अब बात करते है advocate बनने का प्रोसेस क्या है.

 1.बारहवीं क्लास पूरी करे: वकालत की पढाई करने के लिए सबसे पहले आपको 12 वी तक स्कूल की पढाई पूरी करनी होगी आप किसी भी सब्जेक्ट को लेकर पढाई कर सकते है चाहे वो आर्ट्स हो कॉमर्स या फिर साइंस सब्जेक्ट हो अगर आप आर्ट्स पढ़ते है तो आपको ज्यादा फायदा होगा क्यों की इस सब्जेक्ट में आपको कुछ हद तक लॉ के बारे में भी बताया जाता है

 2.लॉ कॉलेज में  एडमिशन के लिए एंट्रेंस एग्जाम दे: जैसे ही आप 12th का एग्जाम पास कर लेते है और आप लॉ की पढाई करना चाहते है तो इसके लिए आपको एक एंट्रेंस एग्जाम देना होगा भारत में आल इंडिया लेवल पर CLAT  एग्जाम काफी ज्यादा पोपुलर है जिसका पूरा नाम है कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट इस एग्जाम को देने के बाद आप किसी भी लॉ कॉलेज में एडमिशन ले सकते है. इसमें आपसे इंग्लिश, लॉजिकल रीजनिंग, लीगल एप्टीट्युड, मैथ और जनरल अवेयरनेस के बारे में सवाल पूछे जाते है.

3.लॉ की पढाई के बाद अब इंटर्नशिप करे: जैसा की हम सभी लोग जानते है कुछ भी पढाई करने के बाद हमें उसकी प्रेक्टिकल नॉलिज के लिए इंटर्नशिप करना बहुत ज़रूरी है सेम इसी तरह लॉ स्कूल से पढाई पूरी करने के बाद आपको इंटर्नशिप करना होगा इस इंटर्नशिप के दोरान आपको कोर्ट कचहरी के बारे में सब कुछ सिखया जाता है की कोर्ट की हियरिंग कैसे होती है, ड्राफ्टिंग कैसे करते है और एक ही वकालतनामे पर दो वकील कैसे वकालत करते है वगैरह वगैरह तो इसलिए आपको इंटर्नशिप करना जरुरी है

4.स्टेट बार काउंसिल से एनरोलमेंट: इंटर्नशिप करने के बाद अब आपको किसी भी स्टेट बार काउंसिल (State bar council) में जाके अपने आप को एनरोल (Enroll) करना जरुरी है इसमें एनरोल करने के बाद आपको आल इंडिया बार एग्जामिनेशन (AIBE) को क्लियर करना होता है जो की बार कौंसिल ऑफ़ इंडिया द्वारा कंडक्ट किया जाता है इसे क्लियर करने के बाद ही आपको प्रैक्टिस करने का सर्टिफिकेट मिलता है जिसके बाद आप पुरे भारत में कही भी प्रेक्टिस कर सकते है इस तरह आप advocate बन जाते है और इस के बाद आप अपनी प्रैक्टिस को जारी रख सकते है या फिर अपनी आगे की पढाई यानि की LLM यानि मास्टर इन लॉ कोर्स कर सकते है..

वकालत के पेशें में बेहतर और नए करियर: लॉ course करने के बाद आप क्रिमिनल और सिविल लॉयर बनने के अलावा जज भी बन सकते है, लेकिन इसके अलावा और भी फ़ील्ड है जिसमे आप जा सकते है चलिए अब उनके बारे में बात करते है.

1.एन्वॉयरनमेंटल लॉयर (Environmental Lawyer): एन्वॉयरनमेंट लॉ में उन चीजों को नष्ट होने से बचाने की बात की जाती है, जो हमें नेचर की तरफ से प्राप्त हुई हैं। इन मामलों में कई बार पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन यानि PIL दायर की जाती हैं, जिसके लिए एन्वॉयरनमेंटल लॉ में एक्सपर्ट लोगों की डिमांड होती है। इसके अलावा ऐसे एनजीओ में भी ऐसे लोगों की मांग होती है, जो एन्वॉयरनमेंट से जुडे मुद्दों को लेकर संघर्ष कर रहे हैं।

2.साइबर लॉयर (Cyber ​​Lawyer): इस समय देश में ऑनलाइन और साइबर अपराध से जुडे मामले भी सामने में आने लगे हैं। इसमें खासकर फर्जी और धमकी भरे ई-मेल भेजना, कंपनियों के साथ धोखा-धडी, सॉफ्टवेयर की चोरी, एसएमएस हैकिंग, मोबाइल की क्लोनिंग आदि शामिल हैं। इन सब को देखते हुए ही कंप्यूटर और नेटवर्क सुरक्षाओं पर ज्यादा ध्यान दिया जाने लगा है। आपके पास कंप्यूटर एवं डिजिटल फॉरेंसिक एक्सपर्ट बनने का भी सुनहरा अवसर है।

3.पेंटेट एंड कॉपीराइट लॉयर (Patent and Copyright Lawyer): पेटेंट एक ऐसा arrangement है, जिसके तहत किसी भी नई खोज से बनने वाले प्रोडक्ट पर एकाधिकार दिया जाता है। अगर कोई थर्ड पार्टी वह प्रोडक्ट बनाना चाहती है, तो उसे इसके लिए लाइसेंस लेना पडता है और उस पर रॉयल्टी देनी पडती है। Intellectual property बिजनेस कंपीटेंस की खास फील्ड के रूप में उभरा है। भारत में भी इससे जुड़े प्रोफेशनल्स की काफी मांग है।

4.लेबर लॉयर (Labor Lawyer): कर्मचारियों के अधिकार एवं उनकी समस्याओं के समाधान के लिए लेबर लॉ बनाया गया है। इन दिनों इस क्षेत्र से संबंधित समस्याएं अदालत में काफी संख्या में हैं। आप इसमें भी बेहतर करियर बना सकते हैं।

5.इंटरनेशनल लॉयर (International Lawyer): इंटरनेशनल लॉ का अर्थ होता है अंतरराष्ट्रीय कानून। इसके तहत विभिन्न राष्ट्रों के राष्ट्रीय हितों के मध्य उत्पन्न होने वाली समस्याओं को कानून के द्वारा सुलझाया जाता है। यदि आपकी अंग्रेजी अच्छी है और अंतरराष्ट्रीय घटनाओं में रुचि है, तो यह क्षेत्र आपके लिए उपयुक्त है।

6.कॉरपोरेट लॉयर (Corporate Lawyer): अलग अलग तरह के Industry businesses के दौरान टेक्स प्रॉब्लम और दूसरी तरह की प्रॉब्लम का सलूशन करना इनका खास काम है। कारॅपोरेट फील्ड में इस तरह के एक्सपर्ट की खासी मांग है।