Is zoom safe to use - क्या ज़ूम एप्प सेफ है?

Zoom एक क्लाउड कॉन्फ्रेंसिंग का प्लेटफॉर्म है जिसे मोबाइल पर भी डाउनलोड किया जा सकता है. Zoom ऐप अब भारत में सबसे ज्यादा बार डाउनलोड किया जाने वाला ऐप बन चुका है. इस ऐप ने WhatsApp, Instagram और TikTok जैसे पॉपुलर ऐप को भी पीछे छोड़ दिया है

Is zoom safe to use - क्या ज़ूम एप्प सेफ है?

Zoom वीडियो कॉन्फ्रेंस एप की सिक्योरिटी को लेकर पिछले कई दिनों से बवाल मचा हुआ है। खुद जूम के सीईओ ने भी स्वीकार किया है कि जूम एप में सिक्योरिटी को लेकर खामियां हैं। जूम के सीईओ एरिक एस युआन ने कुछ दिन पहले अपने एक ब्लॉग में कहा था कि कंपनी मामले की जांच कर रही है और अगले 90 दिनों में सिक्योरिटी के मसले को हल किया जाएगा। सिक्योरिटी पैच के लिए अपडेट जारी किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि दिसंबर 2019 में जूम के डेली एक्टिव यूजर्स की संख्या 10 मिलियन यानी एक करोड़ थी जो मार्च 2020 में 200 मिलियन यानी 20 करोड़ हो गई है। उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस महामारी के कारण दुनियाभर के 20 देशों के 90,000 से अधिक स्कूल भी जूम एप का इस्तेमाल कर रहे हैं।

सरकार ने जूम को लेकर जारी की एडवाइजरी

भारत की कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम और राष्ट्रीय साइबर-सुरक्षा एजेंसी ने कुछ दिन पहले जूम की सिक्योरिटी को लेकर लोगों को आगाह किया था और कहा था कि जूम एप साइबर हमलों का जरिया बन सकता है। इस एप के जरिए साइबर अपराधी सरकारी और निजी कार्यालयों से डाटा चोरी करके उसका गलत इस्तेमाल कर सकते हैं। सीईआरटी ने कहा है कि जूम एप के साथ डाटा लीक का खतरा है।

एंक्रिप्टेड नहीं है जूम एप

आमतौर पर किसी भी चैटिंग एप और वीडियो कॉलिंग एप में एंड टू एंड एंक्रिप्शन होता है। ऐसे में लोगों का डाटा सिर्फ भेजने और प्राप्त करने वाले के बीच रहता है, लेकिन जूम एप के साथ ऐसा नहीं है, क्योंकि जूम एंक्रिप्टेड नहीं है। सुझाव के तौर पर एजेंसी ने कहा है कि जूम एप के इस्तेमाल से पहले एप को अप-टू-डेट रखें और मजबूत पासवर्ड रखें। इसके अलावा एप में वेटिंग फीचर को ऑन रखें ताकि मीटिंग में हिस्सा लेने वाले लोगों पर कंट्रोल बना रहे। वहीं अब गृह मंत्रालय ने भी जूम एप को इस्तेमाल करने से मना किया है। सरकार ने कहा है कि जूम एप के जरिए अनाधिकृत लोग कॉन्फ्रेंस में शामिल हो सकते हैं औऱ आपकी निजी मीटिंग सार्वजनिक हो सकती है।

हैकर्स के भी निशाने पर जूम

विडियो मीट ऐप जूम (Zoom) मौजूदा समय में काफी पॉप्युलैरिटी हासिल कर ली है। अब यह ऐप हैकर्स के भी निशाने पर है। हैकर्स प्रिवेसी और सिक्यॉरिटी बग्स के जरिए कमाई कर रहे हैं। बता दें इस ऐप ने हाल ही में भारत में टिकटॉक और वॉट्सऐप को पछाड़ते हुए प्ले स्टोर पर नंबर 1 फ्री ऐप बना था। लॉकडाउन के दौरान बड़ी संख्या में लोग इस ऐप का इस्तेमाल विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के लिए कर रहे है। भारत में इस ऐप को 5 करोड़ से ज्यादा बार डाउनलोड किया जा चुका है।

जूम एप में सिक्योरिटी के लिए क्या करें?

  • सभी मीटिंग्स के लिए अलग-अलग यूजर आईडी और पासवर्ड बनाएं।
  • वेटिंग रूम फीचर को ऑन करें ताकि मीटिंग में सिर्फ वही लोग शामिल हो सकें जिन्हें आप चाहते हैं।
  • मीटिंग शुरू होने से पहले ज्वाइन फीचर को डिसेबल करें।
  • स्क्रीन शेयरिंग की इजाजत सिर्फ उसे ही दे जो मीटिंग कर रहा है या होस्ट है।
  • हटाए गए लोगों को फिर से ज्वाइन होने का रास्त बंद करें यानी री-ज्वाइन को डिसेबल कर दें।
  • जरूरत ना हो तो फाइल ट्रांसफर फीचर को बंद रखें।
  • मीटिंग में सभी लोगों के शामिल हो जाने के बाद मीटिंग को लॉक कर दें।
  • रिकॉर्डिंग फीचर को बंद कर दें।
  • यदि आप होस्ट हैं तो मीटिंग खत्म होने के तुरंत बाद सिस्टम को छोड़कर ना जाएं।

एक बार में 100 लोगों के साथ विडियो चैटिंग

जूम एक फ्री एचडी मीटिंग ऐप है। इसके जरिए यूजर एक बार में अधिकतम 100 लोगों के साथ बात कर सकते हैं। ऐप की सबसे बड़ी खासियत है इसका आसान यूजर इंटरफेस। इसके साथ ही जूम ऐप में कई और फीचर भी दिए गए हैं, जो यूजर्स को काफी पसंद आ रहे हैं। ऐप के फ्री वर्जन में भी कॉल में 100 लोगों को जोड़ा जा सकता है। इतना ही नहीं, ऐप में वन-टू-वन मीटिंग और 40 मिनट की ग्रुप कॉलिंग की सुविधा भी मिलती है।