How to Apply For Gun Licence in Hindi - गन के लाइसेंस के लिए कैसे अप्लाई करे?

एडीएम ऑफिस या कलेक्टोरेट से एप्लीकेशन फॉर्म परचेस करने के बाद यहीं अप्लाई करना होता है। एप्लीकेशन जमा करने के बाद इसे कलेक्टोरेट से एसपी ऑफिस में पुलिस वेरिफिकेशन के लिए फॉरवर्ड किया जाता है।

How to Apply For Gun Licence in Hindi - गन के लाइसेंस के लिए कैसे अप्लाई करे?

How to Apply For Gun Licence in Hindi - बहुत से लोग अपनी सुरक्षा के लिए बंदूक या रिवॉल्वर रखना चाहते हैं, लेकिन उन्हें यह पता नहीं होता है कि आखिर बंदूक या फिर रिवॉल्वर के लिए लाइसेंस कैसे लिया जाए। गन अथवा बंदूक का लाइसेंस लेने की प्रक्रिया के बारे में जानकारी का अभाव होता है। जिस कारण आवेदकों को कई बार दलालों व अन्य लोगों के चक्कर में पैसे का नुकसान झेलना पड़ता है। आइए आपको बताते हैं कैसे लिया जाए हथियार के लिए लाइसेंस।

लाइसेंस हेतू जरूरी दस्तावेज : लाइसेंस देने वाला आपके weapons और उसकी जरूरत के हिसाब से अलग-अलग कई दस्तावेज मांग सकता है। हालांकि, आपको अपनी पहचान, पता, उम्र और फिटनेस प्रूफ देना ही होगा। साथ ही आपको यह भी बताना होगा कि आप कौन सा हथियार खरीदना चाहते हैं। इसके अलावा आपको अपनी दो पासपोर्ट साइज की तस्वीरें भी देनी होंगी. Form ‘A’ के साथ आपको अपने वोटर आईडी की कॉपी, पिछले तीन साल के इंकम टैक्स रिटर्न का ब्योरा, अपने एरिया के दो ज़िम्मेदार नागरिकों से Character certificate, फिजिकल फिटनेस का सर्टिफिकेट, एजुकेशन सर्टिफिकेट की फोटोकॉपी, Birth Certificate और साथ में बंदूक रखने के कारण को उचित साबित करने के लिए Document लगाने होंगे.

किस weapon के लिए आवेदन : भारत सरकार के नियमों के अनुसार देश में सिर्फ तीन तरह की बंदूक के लिए ही लाइसेंस जारी किया जाता है। भारत में तीन बंदूक शॉर्टगन, हैंडगन और स्पोर्टिंग गन के लिए ही लाइसेंस जारी किए जाते हैं। एक व्यक्ति अधिक से अधिक तीन बंदूकों का ही लाइसेंस ले सकता है। हालांकि इन तीन बंदूकों में से आप कोई भी तीन बंदूक रख सकते हैं चाहे वो तीनों एक जैसी हो या अलग-अलग।

लाईसेंस हेतू फीस : आपकी बंदूक के नए लाइसेंस की फीस बंदूक की टाइप के आधार पर तय होती है। हैंडगन (पिस्टल/रिवाल्वर) और रिपीटिंग राइफल के लिए फीस मात्र 100 रुपए है, जबकि मजल लोडिंग गन के लाइसेंस के लिए सिर्फ 10 रुपए भुगतान करने होते हैं। वहीं इस गन के रिन्यूवल के लिए आपको सिर्फ 5 रुपए देने होते हैं। इसके अलावा थानों आदि में भी फीस का प्रावधान है।

क्या है बंदूक का लाइसेंस लेने की प्रॉसेस

- एडीएम ऑफिस या कलेक्टोरेट से एप्लीकेशन फॉर्म परचेस करने के बाद यहीं अप्लाई करना होता है।

- एप्लीकेशन जमा करने के बाद इसे कलेक्टोरेट से एसपी ऑफिस में पुलिस वेरिफिकेशन के लिए फॉरवर्ड किया जाता है।

- एसपी ऑफिस से इसे संबंधित थाना क्षेत्र में फॉरवर्ड किया जाता है। थाना इंचार्ज एप्लीकेंट का वेरिफिकेशन करता है। एड्रेस सहित दूसरी जानकारियों की डिटेल लेता है। इसके बाद इसे संबंधित एरिया के सीएसपी के पास भेजा जाता है।

- सीएसपी यह निर्णय लेते हैं तो एप्लीकेंट को आर्म्स लाइसेंस देना चाहिए या नहीं। सीएसपी के रिमार्क के बाद वापस एप्लीकेशन एसपी ऑफिस में भेजी जाती है।

- सामान्य पुलिस वेरिफिकेशन पूरा होने के बाद क्रिमिनल बैकग्राउंड चेक करने के लिए इस एप्लीकेशन को डिस्ट्रिक्ट स्पेशल ब्रांच में भेजा जाता है।

- डीएसबी एप्लीकेंट के क्रिमिनल बैकग्राउंड की पूरी जांच-पड़ताल करते हैं इसके बाद वापस इसे एसपी ऑफिस में रिपोर्ट के साथ भेजा जाता है।

- इसके बाद सभी रिपोर्ट्स हायर अथॉरिटी (ASP, SP) द्वारा देखी जाती हैं। एसएसपी फाइनल डिसीजन लेते हैं।

- एसएसपी के अप्रूवल या डिसअप्रूवल के बाद एप्लीकेशन को एडीएम ऑफिस में भेज दिया जाता है।

- फिर एडीएम ऑफिस से लाइसेंस देने की प्रॉसेस पूरी होती है।

आर्म्ज लाईसेंस की प्रक्रिया : अगर आप weapons के लाइसेंस के लिए आवेदन करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको सबसे पहले 'फॉर्म ए' भरना होगा, जो आर्म्ज़ रूल, 1962 के तहत दिया गया है। इसी फॉर्म से हर प्रकार के लाइसेंस लिए जाते हैं। एप्लिकेशन को वेबसाइट से डाउनलोड करके उसे supporting दस्तावेजों के साथ weapons का लाइसेंस देने के दफ्तर में जमा करना होता है, जो आपके इलाके के डीएम या डिप्टी कमिश्नर या पुलिस कमिश्नर के तहत आता है। आवेदन करने के बाद आपको एक रिसेप्ट दी जाएगी और लाइसेंस अधिकारी आपके स्थानीय थाने में आपका आपराधिक रिकॉर्ड चैक करेगा। थाना अपनी रिपोर्ट लाइसेंस अधिकारी को भेज देगा। तमाम जांचों और नियम के आधार पर सभी तरह की पुष्टि के बाद लाइसेंस अधिकारी या तो आपके लाइसेंस आवेदन को मंजूरी दे सकता है या उसे खारिज कर सकता है। वहीं अगर स्थानीय पुलिस थाने द्वारा रिपोर्ट भेजने में देरी होती है तो फिर लाइसेंस अधिकारी अपने विवेक के आधार पर उचित फैसला लेने का अधिकारी होता है।

कितने दिनों में मिल जाता है लाइसेंस? : home Ministry की वेबसाइट पर मौजूद आंकड़ों के अनुसार लाइसेंस मिलने की कोई समय सीमा निर्धारित नहीं है। लाइसेंस की प्रक्रिया काफी जटिल होती है और यह अलग-अलग हथियार के लिए अलग-अलग होती है। हालांकि, लाइसेंस पा चुके कुछ लोगों के हिसाब से लाइसेंस महीने भर के अंदर भी मिल सकता है, जबकि कुछ को लाइसेंस मिलने में साल भर तक का भी समय लग गया।

क्या लाइसेंस के आवेदन को खारिज भी किया जा सकता है? : अगर आपके आवेदन से लाइसेंस देने वाले व्यक्ति को किसी प्रकार की आपत्ति होती है तो आपके आवेदन को खारिज भी किया जा सकता है। हालांकि, अगर आप चाहते हैं तो आपकी मांग पर आपके लाइसेंस का आवेदन खारिज करने की पूरी जानकारी लिखित में दी जा सकती है। वहीं दूसरी ओर, अगर लाइसेंस देने वाले अधिकारी को लगता है कि आवेदन का कारण बताना जनहित में नहीं है तो वह कारण बताने से मना भी कर सकता है। आप चाहें तो आर्म्स एक्ट 1959 की धारा 18 और आर्म्स रूल 1962 के नियम 5 के तहत आपका आवेदन खारिज करने के खिलाफ अपील भी कर सकते हैं

कहां-कहां लेकर जा सकते हैं हथियार? : यूं तो सामान्य तौर पर आपको हथियार का लाइसेंस सिर्फ आपके राज्य भर के लिए ही मिलता है, लेकिन आप चाहें तो आर्म्स रूल 1962 के रूल 53 के तहत आप इसे पूरे देश के लिए भी बढ़वा सकते हैं और पूरे देश में अपना हथियार लेकर कहीं भी आ और जा सकते हैं। हालांकि, सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कहा गया है कि वे किसी के लाइसेंस को पूरे देश के लिए एक्सटेंड करने से पहले home Ministry से बात जरूर कर लें। आनलाईन जानकारी के लिए सरकारी वेबसाईट देखें- mha.nic.in/armslicence